दुनिया की एड्स राजधानी बनता पाकिस्तान

दुनिया की एड्स राजधानी बनता पाकिस्तान

कई तरह की समस्‍याओं से जूझ रहा पाकिस्‍तान एचआईवी एड्स के मामले में भी पूरी दुनिया के लिए समस्‍या बनता दिखाई दे रहा है। पिछले एक साल में पाकिस्‍तान में नए एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्‍या में 13 फीसदी की भारी उछाल आई है। संयुक्त राष्ट्र की  रिपोर्ट में इस आशय का दावा किया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार यह बढ़ोतरी ट्रांसजेंडर लोगों और यौन कर्मियों के बीच दर्ज की गई है। संयुक्‍त राष्‍ट्र की इस रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी मंगलवार को मीडिया की एक खबर में दी गई।

एक्सप्रेस ट्रिब्यूनने पाकिस्तान में एचआईवी मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की एक नवीनतम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पाकिस्तान में एचआईवी के कुल मामलों की संख्या इस वर्ष बढ़कर 160,000 हो गई है। 2010 के 67000 मामलों को देखते हुए यह एक बड़ी बढ़ोतरी है।

खबर में कहा गया है कि रिपोर्ट संकेत देती है कि 2015 और 2018 के बीच लगभग 14 वर्ष की आयु वालों में 1500 मामलों की बढ़ोतरी हुई।

समाचारपत्र ने संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के हवाले से कहा, ‘इसी तरह से 15 वर्ष से अधिक आयु की महिला एचआईवी मरीजों की संख्या 2015 में बढ़कर 37000 और 2018 में बढ़कर 48000 हो गई। एचआईवी दर इंजेक्शन मादक पदार्थ इस्तेमालकर्ताओं के बीच 2019 के दौरान 21 प्रतिशत बढ़ गईयह बढ़ोतरी समलैंगिकों के बीच 3.7प्रतिशत और यौन कर्मियों के बीच 3.8 प्रतिशत बढ़ी है।

पाकिस्तान के एचआईवी संक्रमणों पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जब देश के सिंध प्रांत के लरकाना जिले में इस वर्ष अप्रैल से करीब 800 लोग एचआईवी से संक्रमित पाये गए हैं।

स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसके लिए संक्रमित उपकरणों के इस्तेमालअसुरक्षित रक्त चढ़ाये जाने और गैर पेशेवर कृत्य को जिम्मेदार ठहराया है जिसमें अक्सर झोला छाप डाक्टरों लिप्त होते हैं।

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